राजा और संगीतकार

एक बार एक राजा के दरबार में एक संगीतकार गाना सुनाने लगा।

राजा ने बहुत ख़ुश होकर एलान किया कि इसे इसके वज़न के बराबर चांदी दिया जाए।

संगीतकार बहुत ख़ुश हुआ और उसने अच्छी सुरीले आवाज़ में फ़िर गीत सुनाया।

राजा और ख़ुश हुआ औऱ उसने कहा कि इसको सोना से तौला जाए।

संगीतकार ने और अच्छी आवाज़ में गाना शुरू किया।

राजा फ़िर ख़ुश हुआ और उसने कहा इसे दस गांवों की ज़मीन भी दे दी जाए।

उसके बाद वो संगीतकार अपने घर गया औऱ उसने अपनी पत्नी को पूरा किस्सा सुनाया।

उसका पूरा परिवार बहुत खुश हुआ।

कुछ दिन गुज़रे , फ़िर कुछ महीने भी गुजर गए लेकिन राजा ने जो चीज़ें देने का वादा किया था,उसे कुछ भी नहीं मिला।बहुत इंतज़ार करने के बाद मायूस होकर वह राजा से मिलने उसके दरबार में हाज़िर हुआ और कहा....

“हुज़ूर , आपने सोने, चांदी, हीरे मोती, ज़मीन जायदाद को लेकर जो वादे मुझसे किए थे , उसमें से एक भी चीज़ मुझे अबतक नहीं मिली "......

राजा ने मुस्कुराते हुए कहा... “अरे मूर्ख इंसान.. ये लेने देने की बातें कहाँ से आ गई रे ? तूने मेरे कान को ख़ुश किया मैंने तेरे कान को ख़ुश किया....हिसाब बराबर.....”.

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